Azim Premji Biography in hindi:-
Azim Premji Early Life, Family, Education, Career, Philantrophy and Recognitions
विप्रो कंपनी के संस्थापक और अध्यक्ष अजीम हाशिम प्रेमजी एक भारतीय बिजनेस टाइकून, निवेशक, इंजीनियर और साहित्यकार हैं। उन्हें भारतीय आईटी उद्योग के पितामह के रूप में भी जाना जाता है। मात्र चार दशकों मे अजीम प्रेमजी ने विप्रो कंपनी को आईटी उद्योग में से एक अग्रणी कंपनी मे शामिल कर दी।
अजीम प्रेमजी भारत के सबसे धनी लोगों में से एक हैं और अपने परोपकारी कार्यों के लिए अधिक प्रसिद्ध हैं। उन्हें कई पुरस्कार और सम्मान मिले हैं जिनमे भारत के सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कार- पद्म विभूषण, पद्म भूषण, शामिल है।
अजीम प्रेमजी का प्रारंभिक जीवन, परिवार और शिक्षा:-
अजीम हाशिम प्रेमजी का जन्म 24 जुलाई 1945 को मुंबई (तब बॉम्बे) में एक शिया मुस्लिम परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम मोहम्मद हाशिम प्रेमजी है। वह प्रसिद्ध बिजनेसमैन थे, उन्हें 'राइस किंग ऑफ बर्मा' नाम से भी पुकारा जाता था। भारत की आजादी के बाद पाकिस्तान के संस्थापक मुहम्मद अली जिन्ना ने प्रेमजी के पिता को पाकिस्तान में रहने के लिए आमंत्रित किया, जो उन्होंने ठुकरा दिया और भारत में ही रहना पसंद किया।
1945 में अजीम प्रेमजी के पिता, मुहम्मद हाशिम प्रेमजी ने महाराष्ट्र के जलगांव जिले में वेस्टर्न इंडियन वेजिटेबल प्रोडक्ट्स लिमिटेड की स्थापना की। जिसमे कंपनी सनफ्लॉवर वनस्पति (खाना पकाने का तेल) और एक कपड़े धोने का साबुन 787 का निर्माण किया जाता था।
अजीम प्रेमजी ने इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी, अमेरिका से की। अज़ीम प्रेमजी की शादी यासमीन प्रेमजी से हुई और इनके दो बेटे हैं- रिशद प्रेमजी और तारिक प्रेमजी। वर्तमान में, बड़ा बेटा रिशद विप्रो लिमिटेड के अध्यक्ष है।
अजीम प्रेमजी का करियर :-
1966 में पिता की मृत्यु के बाद जब अजीम प्रेमजी 21 साल के थे तब अमरीका से भारत लौटे और विप्रो का कार्यभार संभाला, और एक छोटी सी कंपनी को आज दुनिया के उचाईयो में पहुंचा दिया। चलिए देखते है उन्होंने कैसे किया ये कारनामा- वेस्टर्न इंडियन वेजीटेबल प्रोडक्ट्स कंपनी के कार्य को बढ़ाते हुए अजीम प्रेमजी द्वारा बेकरी फैट्स, एथनिक इंग्रीडिएंट बेस्ड टॉयलेटरीज़, हेयर केयर साबुन, बेबी टॉयलेटरीज़, लाइटिंग प्रोडक्ट्स और हाइड्रोलिक सिलेंडरों के निर्माण में ध्यान दीया।
1980 के दशक में किन्ही कारणों से आईबीएम ने भारत मे काम करना बंद कर दिया, आईबीएम के निष्कासन के बाद आईटी उद्योग की पूरी जगह भारत मे खाली होगई, इसके महत्व को देखते हुए अजीम प्रेमजी ने अपनी कंपनी का नाम बदलकर विप्रो कर दिया, और आईटी उद्योग में प्रवेश किया। आईटी उद्योग मे प्रवेश करने के बाद विप्रो एक अमेरिकी कंपनी सेंटिनल कंप्यूटर कॉरपोरेशन के साथ मिलकर तकनीकी सहयोग के तहत मिनीकंप्यूटर का निर्माण किया।
अजीम प्रेमजी विश्वविद्यालय की स्थापना:-
कर्नाटक विधानसभा द्वारा पारित अधिनियम के अनुसार अजीम प्रेमजी विश्वविद्यालय की स्थापना की गई थी। इसका मुख्य उद्देश्य उन कार्यक्रमों की कल्पना करना और उन पर अमल करना है जो समग्र शैक्षिक परिदृश्य के विकास के साथ-साथ एक अच्छी तरह से प्रशिक्षित कार्यबल में भी मदद कर सके। यह शैक्षिक परिदृश्य को बदलने के लिए स्थानापन्न मॉडल प्रदान करने का भी प्रयास करता है।
अजीम प्रेमजी की कुल संपत्ति :-
2019 मे फोर्ब्स पत्रिका के अनुसार प्रेमजी के पास 7.2 अरब डॉलर(52,000 करोड़ ) की संपत्ति है। जबकि साल 2018 में प्रेमजी के पास 21 अरब डॉलर की संपत्ति थी, और तब वह भारत के दूसरे सबसे अमीर व्यक्ति थे, लेकिन 2019 मे उन्होंने अपनी संपत्ति मे से 79% हिस्सा दान कर दिया जिसकी वजह से आज वह 17वें नंबर पर आ गए है।
अजीम प्रेमजी द्वारा किये गये परोपकार:-
1- 2011 में अजीम प्रेमजी ने एक गैर-लाभकारी संगठन की स्थापना की, जिसे अजीम प्रेमजी फाउंडेशन के नाम से जाना जाता है। दिसंबर 2010 में, अजीम प्रेमजी ने भारत में स्कूली शिक्षा की स्थितियों में सुधार के लिए 2 बिलियन अमरीकी डालर दान करने का संकल्प लिया। इसके लिए अजीम प्रेमजी ने विप्रो लिमिटेड के 213 मिलियन इक्विटी शेयरों को अजीम प्रेमजी फाउंडेशन को हस्तांतरित कर दिया। यह भारत में सबसे बड़े दान में से एक है।
2- अप्रैल 2013 में अजीम प्रेमजी ने बताया था की उन्होंने अपनी 25% से अधिक संपत्ति चैरिटी को मे दे दी है।
3- मार्च 2019 में फिर अजीम प्रेमजी ने विप्रो के 34% शेयर अजीम प्रेमजी फाउंडेशन को हस्तांतरित कर दिये। और अजीम प्रेमजी फाउंडेशन ने आम लोगों, और अन्य बिजनेस ग्रुपों को दान करने का आग्रह किया।
4- वारेन बफे और बिल गेट्स के नेतृत्व में 'द गिविंग प्लेज' पर हस्ताक्षर करने वाले पहले भारतीय अजीम प्रेमजी थे। यह पकार्य दुनिया भर के सबसे धनी लोगों को परोपकार के लिए अपने धन से कुछ हिस्सा देने के लिए प्रोत्साहित करना था।
अजीम प्रेमजी को मिले सम्मान :-
1- बिजनेस वीक फ़ोरम ने विप्रो कंपनी को दुनिया के सबसे तेजी से उभरती कंपनियों में से एक के रूप में माना, और अजीम प्रेमजी को सबसे महान उद्यमियों में से एक के रूप में मान्यता दी है।
2- 2000 में मणिपाल अकादमी ऑफ़ हायर एजुकेशन द्वारा अजीम प्रेमजी को डॉक्टरेट की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया।
3- 2006 में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इंडस्ट्रियल इंजीनियरिंग, मुंबई द्वारा अजीम प्रेमजी को बिजनेस विजनरी ऑफ द ईयर से सम्मानित किया।
4- 2009 में अजीम प्रेमजी को कनेक्टिकट में वेस्लीयन विश्वविद्यालय से मानद डॉक्टरेट की उपाधि प्रदान की गई।
5- 2015 में मैसूर विश्वविद्यालय ने अजीम प्रेमजी को डॉक्टरेट की मानद उपाधि प्रदान की।
6- 2005 में भारत सरकार ने व्यापार और वाणिज्य में अपने काम के लिए अजीम प्रेमजी को पद्म भूषण से सम्मानित किया।
7- 2011 में अजीम प्रेमजी को भारत सरकार द्वारा पद्म विभूषण (भारत का दूसरा सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार) से सम्मानित किया था।
8- 2017 में इंडिया टुडे पत्रिका द्वारा अजीम प्रेमजी को 2017 की सूची के सबसे शक्तिशाली लोगों में 9 वें स्थान पर रखा था।
9:- प्रेमजी को फ्रांस का सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘शेवेलियर डी ला लीजन डी ऑनर’ से सम्मानित किया गया है।
अजीम प्रेमजी से जुड़े रोचक तथ्य :-
1:- 1999 से 2005 तक अजीम प्रेमजी भारत के सबसे धनी व्यक्ति थे।
2:- अजीम प्रेमजी को भारत का बिल गेट्स कहाँ जाता है।
3:- अजीम प्रेमजी ने अपनी संपत्ति से 50% दान कर चुके है।
4:- अजीम प्रेमजी भारत के ही नहीं एशिया के सबसे बड़े दानवीर व्यक्ति है।
5:- अज़ीम प्रेमजी के पिता को पाकिस्तान का वित्तमंत्री बनने का ऑफर दिया गया था।
6:- अजीम प्रेमजी 2020 मे भारत के 17वें सबसे अमीर व्यक्ति है, और 2018 तक दूसरे सबसे अमीर व्यक्ति थे।
((यहाँ पर हमनें अजीम प्रेमजी के जीवन के बारे में और उनके संघर्ष के बारे मे बताया है, यदि आपको उनके बारे मे और कोई जानकारी चाहिए या आपके मन में किसी प्रकार का प्रश्न आ रहा है, तो कमेंट बाक्स के माध्यम से पूँछ सकते है, हम आपके द्वारा की गयी प्रतिक्रिया और सुझावों का इंतजार कर रहे है))