shah faesal biography in hindi | शाह फैसल का जीवन परिचय
शाह फ़ैसल का प्रारंभिक जीवन:-
शाह फ़ैसल का जन्म जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा जिले के लोलाब घाटी के सोगम इलाके में 1983 मे हुआ था। उनके पिता का नाम गुलाम रसूल शाह है, वह एक शिक्षक है। इनकी माँ का नाम
मुबेना शाह है, वह भी शिक्षक है।
न केवल उनके माता-पिता शिक्षक थे, बल्कि उनके दादा भी शिक्षक थे।
शाह फ़ेसल की शिक्षा :-
शाह फ़ेसल ने झेलम वैली मेडिकल कॉलेज से 2008 मे स्नातक की डिग्री प्राप्त की हैं। और उन्होंने शेर-ए-कश्मीर इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (SKIMS), श्रीनगर से एमबीबीएस की डिग्री के साथ-साथ उर्दू में मास्टर डिग्री हासिल की।
शाह फ़ेसल का आईएएस बनने का सफर :-
2009 में उन्होंने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में पहला स्थान हासिल किया, और पहला स्थान पाने वाले पहले कश्मीरी बने, उन्होंने पहले प्रयास में यूपीएससी क्लियर कर दिया था।
यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में टॉप करने वाले वह भारत के चौथे मुस्लिम (आजादी के बाद) थे।
एक सिविल सेवक के रूप में अपने करियर के दौरान शाह फैसल ने डिप्टी कमिश्नर (बांदीपोरा), सहायक आयुक्त (पुलवामा) और निदेशक स्कूल शिक्षा, कश्मीर जैसे पोस्टिंग में काम किया। लेकिन उनका करियर ज्यादा नहीं चला।
क्योंकि वह राजनीती मे आने के इच्छुक थे। उन्होंने फेसबुक पोस्ट के माध्यम से इस्तीफे की घोषणा करते हुए, अन्य बातों के अलावा कश्मीर में "नायाब हत्याओं" का हवाला देते हुए 9 जनवरी 2019 को IAS से इस्तीफा दे दिया।
शाह फ़ेसल राजनीतीक करियर:-
9 जनवरी को इस्तीफा देनें के बाद उन्होंने 16 मार्च 2019 को उन्होंने फेसबुक के माध्यम से घोषणा की कि वह 17 मार्च को जम्मू-कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट (JKPM), नाम की खुद की राजनीतिक पार्टी शुरू करेंगे।
लेकिन उनका राजनितिक करियर भी ज्यादा नहीं चल पाया क्योंकी 5 अगस्त 2019 मे केंद्र सरकार द्वारा जम्मू कश्मीर से धारा 370 को हटा दिया गया, और कश्मीर मे कोई दिक्कत ना आये इसलिए कश्मीर के नेताओं को पीएस कानून के तहत हिरासत मे ले लिया गया।
सहा फैज़ल पर भी पीएस कानून लगाया गया और 14 अगस्त 2019 को उन्हें आईजीआई हवाई अड्डे से तुर्की के लिए उड़ान भरने के दौरान हिरासत में लिया गया और वापस कश्मीर भेज दिया गया
उन्हें पहले श्रीनगर के सेंटूर होटल में रखा गया और फिर एमएलए हॉस्टल में स्थानांतरित कर दिया गया, जहाँ उन्होंने अगले छह महीने बिताए। फरवरी 2020 में, उन्हें सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम के तहत हिरासत में लिया गया था। 13 मई 2020 को उनकी नजरबंदी को 3 महीने के लिए बढ़ा दिया गया है।
और अगस्त 2020 मे अन्य नेताओं के साथ उन्हें भी छोड़ दिया गया। हिरासत से छूटने के बाद उन्होंने कहाँ वह राजनीती छोड़कर फिर सिविल सेवा में जाना चाहते है।
((यहाँ पर हमनें शाह फैसल के जीवन के बारे में और उनके संघर्ष के बारे मे बताया है, यदि आपको उनके बारे मे और कोई जानकारी चाहिए या आपके मन में किसी प्रकार का प्रश्न आ रहा है, तो कमेंट बाक्स के माध्यम से पूँछ सकते है, हम आपके द्वारा की गयी प्रतिक्रिया और सुझावों का इंतजार कर रहे है))