पुलेला गोपीचंद की जीवनी
पुलेला गोपीचंद एक प्रसिद्ध भारतीय बैडमिंटन खिलाडी है। 11 मार्च 2001 मे आल इंग्लैंड बैडमिंटन चैम्पियन शिप जीतकर खेल जगत मे नया इतिहास रच डाला था। इनसे पहले प्रकाश पादुकोण ने इन उचाईयो को छुआ था।
पुलेला गोपीचंद का शुरुआती जीवन :-
पुलेला गोपीचंद का जन्म 16 नवम्बर 1973 मे आंध्रप्रदेश राज्य के प्रकाशम जिले के नगन्दला कस्बे मे हुआ था। पुल्लेला गोपीचंद के पिता का नाम पुल्लेला सुभाष चन्द्र है और माँ का सुब्बरावामा है। पुलेला गोपीचंद ने सेंट पॉल स्कूल से 1988 मे स्कूल की शिक्षा पूरी की।
उन्होंने ए. वी.कॉलेज, हैदराबाद से लोक प्रशासन में स्नातक की डिग्री हासिल की। गोपीचंद ने 5 जून 2002 को ओलंपियन बैडमिंटन खिलाड़ी पीवीलक्ष्मी से सादी कर लिया। पीवीलक्ष्मी भी आंध्र प्रदेश से ही हैं।
पुलेला गोपीचंद का बैडमिंटन करियर :-
बचपन मे गोपीचंद को क्रिकेट खेलने में ज्यादा पसंद था, वह क्रिकेट मे ही अपना करियर बनाना चाहते थे, लेकिन उनके बड़े भाई राजशेखर ने उन्हें बैडमिन्टन मे अपना करियर बनाने के लिए प्रेरित किया। फिर उन्होंने बैडमिंटन खेलना शुरू किया और जब वे केवल 10 वर्ष के थे, तब तक वह बैडमिन्टन मे इतने कुशल हो गए की उनके बैडमिंटन की चर्चा स्कूल में होने लगी।
गोपीचंद जब 13 साल के थे तब उनकी कमर मे काफी समस्या होने लगी जाँच कराने मे पता चला की उनकी स्नायु टूट चुकी है। फिर कई महीने आराम करने के बाद वह ठीक हुये, ठीक होने के बाद उसी साल उन्होंने इंटर स्कूल प्रतियोगिता में सिंगल्स और डबल्स के खिताब मे भाग लिया उनके परिवार वाले नहीं चाहते थे वे ठीक होने के बाद फिर से खेले लेकिन उन्होंने प्रतियोगिता मे भाग लिया और जिता भी।
अपनी चोट को पीछे छोड़ते हुये उन्होंने आंध्र प्रदेश राज्य की जूनियर बैडमिन्टन प्रतियोगिता मे भी भाग लिया और फाइनल राउंड में पहुंचे। 1988 तक जब उन्होंने स्कूल की शिक्षा पूरी की तब तक उन्होंने अपने को बैडमिन्टन के क्षेत्र में पूरी तरह स्थापित कर चुके थे। साल 1990 और 1991 में उन्हें भारतीय संयुक्त विश्वविद्यालयों की बैडमिन्टन टीम के कप्तान बनने का अवसर प्राप्त हुआ।
पुलेला गोपीचंद के कोच :-
गोपीचन्द ने अपने बैडमिंटन करियर का शुरुआती प्रशिक्षण एस. एम. आरिफ से प्राप्त किया, इनके प्रशिक्षण मे गोपीचंद ने बहुत अच्छा प्रदर्शन किया। फिर गोपीचंद के शानदार प्रदर्शन को देखकर प्रकाश पादुकोण ने उन्हें अपने अकादमी में शामिल कर लिया। गोपीचन्द ने एसएआई बैंगलौर में गांगुली प्रसाद से भी प्रशिक्षण प्राप्त किया।
Pullela Gopichand biography in Hindi
पुलेला गोपीचंद की उपलब्धियाँ :-
1- 1998 मे नई दिल्ली मे राष्ट्रीय चैम्पियन शिप मे पहली बार चैम्पियन बने।
2- 1998 मे ही आल इंडिया चैम्पियन शिप मे पहला स्थान हासिल किया।
3- 1998 मे ही कुआलालंपुर राष्ट्रमंडल प्रतियोगिता मे एकल प्रतियोगिता मे कांस्य पदक जीता और टीम मुकाबले मे रजत पदक जीता।
4- 1999 मे दिल्ली मे होने वाले राष्ट्रीय चैम्पियन शिप मे दूसरी बार चैम्पियन बने।
5- 1999 मे इम्फाल मे होने वाले राष्ट्रीय खेल मे 2 स्वर्ण और एक रजत पदक जीता।
6- साल 2000 मे कुआलालंपुर मे होने वाले मलेशिया ओपन मे फाइनल तक पहुचे।
7- साल 2000 मे सिडनी मे होने वाले ओलम्पिक मे प्रि-क़्वार्टर फाइनल तक पहुंचे।
8- 2001 मे इंग्लैंड मे होने वाले आल इंग्लैंड चैंपियनशिप मे चैंपियन बने।
9- 2001 मे इन्होने विश्व मे 10वॉ स्थान हासिल किया।
10- 2006 मे गोपीचंद को राष्ट्रीय बैडमिंटन कोच नियुक्त किया गया।
पुलेला गोपीचंद को प्राप्त सम्मान और पुरस्कार :-
1- 1998 मे गोपीचंद को के.के. बिरला फाउंडेशन द्वारा पुरस्कार दिया गया।
2- 2000 मे आंध्रप्रदेश सरकार द्वारा गोपीचंद को सम्मानित किया गया।
3- 2001 मे भारत सरकार द्वारा राजीव गाँधी खेल रत्न पुरस्कार दिया गया।
4- 2001 मे गोपीचंद को अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
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